यूक्रेन से लौट रहे MBBS स्टूडेंट्स की अधूरी शिक्षा पूरी कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका
Russia-Ukraine War: भारत के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन ने मिल पाने की वजह से हजारों छात्र विदेश में डॉक्टरी की पढ़ाई करने जाते हैं. दावा है कि तकरीबन 20000 छात्र-छात्राएं यूक्रेन में एमबीबीएस कर रहे थे.
🔴 यूक्रेन में करीब 20 हजार से ज्यादा भारतीय बच्चे थे
🔴 सभी को युद्ध के चलते भारत लौटना पड़ रहा है
यूक्रेन से लौट रहे MBBS स्टूडेंट्स के लिए देश के मेडिकल कॉलेजों में उनकी पढ़ाई पूरी करवाने की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर हुई है. सुप्रीम कोर्ट के वकील अनूप अवस्थी ने यह अर्जी दायर की है. पार्थवी आहूजा और प्राप्ति सिंह की इस जनहित याचिका में केंद्र सरकार के स्वास्थ्य, शिक्षा, विदेश मंत्रालय, यूजीसी और सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों सहित 43 पक्षकार बनाए हैं.
याचिका में कहा गया है कि रूस और यूक्रेन युद्ध और इसके असर की असाधारण परिस्थिति के मद्देनजर सरकार मौजूदा नियमों में संशोधन का बीच का रास्ता निकाले, ताकि इन छात्रों का भविष्य अंधकारमय होने से बच जाए. उनका अधूरा कोर्स हमारे देश के मेडिकल कॉलेजों में पूरा करने का इंतजाम करने का आदेश केंद्र और राज्य सरकारों को दिया जाए. क्योंकि ये छात्र भी हमारे ही देश का भविष्य हैं. देश के बेटे-बेटी और भाई-बहन हैं.
इस आपातकालीन स्थिति में छात्रों की अधूरी मेडिकल शिक्षा पूरी करने के लिए एक बार के लिए दाखिला और डिग्री दिए जाने तक के नियमों में संशोधन किए जाएं. इसमें कहा गया है कि छात्रों के दावे की सत्यता परखने के लिए यूक्रेन में उनके संस्थानों से तालमेल किया जाए और इधर सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज से भी बातचीत कर एक बार के लिए उनमें कुछ सीटें बढ़ाने का प्रावधान किया जाए.
मालूम हो कि 24 फरवरी से रूसी हमलों के बाद यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को मजबूरन स्वदेश वापस लौटना पड़ा है. इसके चलते उनकी डॉक्टरी की डिग्री अब अधर में लटक गई है.
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